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विचित्र दुनिया भाग 2|Vichitr duniya bhag 2|Author kedar

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मानव आत्माएं तेजी भागती हुई। जब यादें बन जाएँ अंधेरा… और हर रास्ता ले जाए अनजाने डर की ओर। क्या राघव अपने अतीत से निकल पाएगा? जानिए ‘विचित्र दुनिया’ के इस अध्याय में। भाग – 2 राघव फंसा आत्माओं के बीच मैं बिना मृत्यु के जीना चाहता हूँ, आजाद होकर स्वछंद होकर जीवन बिताना चाहता हु। मैं मृत्यु से इतना दूर चला जाना चाहता हूँ कि जहाँ हजार- हजार जन्म लेने के बाद भी वह मेरे निकट न पहुँच सके इसलिए जाने दो, रोको मत।  विचित्र दुनिया — एक ऐसी दास्तान, जो आपकी सोच से परे है। यह कहानी एक आम इंसान की है... लेकिन एक ऐसी त्रासदी से गुज़रने की है, जिसे सुनकर आपकी रूह कांप उठेगी। यह कहानी पूरी तरह काल्पनिक है, लेकिन इसके हर शब्द में एक सच्चाई की झलक छुपी है। आप जिस कहानी को पढ़ रहे हैं, उसके लेखक हैं — केदारनाथ भारतीय, प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) से। वेबसाइट: www.kedarkahani.in सरल स्वभाव और समाज की गहराई से समझ रखने वाले केदारनाथ जी ने इस कहानी को उन सच्चाइयों से प्रेरित होकर लिखा है, जो हमें अक्सर नजर नहीं आतीं "विचित्र दुनिया" सिर्फ एक कहानी नहीं है ! ये एक अनुभव है, जो आपको अंदर तक हिला कर रख ...

कर्म और भाग्य की लड़ाई|karm aur bhagya ki ladai apisode 7| Ravi sir aur chitaranjandas

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Karm aur bhagya ki ladai  रवि सर और चितरंजन दास की वार्तालाप । नमस्कार और स्वागत है! आप देख रहे हैं Author Kedar, जहाँ शब्दों से ज़िंदगी बदलती है और कहानियाँ दिल को छू जाती हैं। आज हम लेकर आए हैं "कर्म और भाग्य की लड़ाई" की अगली कड़ी – एक ऐसी कहानी, जहाँ हर मोड़ पर सवाल उठता है । जहां शब्द मिलते हैं, वहां कहानियां सुनाई देती हैं। कहते हैं, इंसान अपना भाग्य खुद लिखता है... लेकिन क्या वाकई?  या फिर भाग्य ही इंसान की राहें तय करता है?  यह कहानी है चितरंजन दास की...एक ऐसा नौजवान, जिसने गरीबी से लड़ने का संकल्प लिया। अपनों के लिए सबकुछ छोड़ दिया...  लेकिन क्या वह अपने भाग्य को बदल पाया ?  यह कहानी काल्पनिक है, लेकिन समाज की सच्चाइयों से प्रेरित।  आप जिस कहानी को पढ़ रहे हैं, उसके लेखक हैं — केदारनाथ भारतीय, प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) से। सरल मिजाज और गहरी सामाजिक समझ रखने वाले केदारनाथ जी ने इस कहानी को समाज, देश और दुनिया की सच्चाइयों को देखते हुए रचा है। इस प्रेरक कथा का शीर्षक है — 'कर्म और भाग्य की लड़ाई: चितरंजन दास की संघर्ष गाथा'। यह है भाग – 7। हर मोड़ पर ...

विचित्र दुनिया|Vichitr duniya| Author kedar

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जब यादें बन जाएँ अंधेरा… और हर रास्ता ले जाए अनजाने डर की ओर। क्या राघव अपने अतीत से निकल पाएगा? जानिए ‘विचित्र दुनिया’ के इस  अध्याय में। रात्रि के ठीक 12:44 पर, वह रेड कलर की बस अकोढापुर चौराहे पर आकर रुकी थी। राघव बस से उतरकर वही खड़े-खड़े गांव की ओर निहारने लगा। अभी वह कुछ समझ भी नहीं पाया था कि बस वहां से अचानक एक पल में गायब हो गई। राघव की रूह कांप गई ! हे...! बस कहां गई,  ऐसे कैसे हो सकता हैं, मेरे उतरते ही बस गायब हो गई ! हे भगवान ! वह डर गया था। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था। विचित्र दुनिया — एक ऐसी दास्तान, जो आपकी सोच से परे है। यह कहानी एक आम इंसान की है... लेकिन एक ऐसी त्रासदी से गुज़रने की है, जिसे सुनकर आपकी रूह कांप उठेगी। यह कहानी पूरी तरह काल्पनिक है, लेकिन इसके हर शब्द में एक सच्चाई की झलक छुपी है। "विचित्र दुनिया" सिर्फ एक कहानी नहीं है ! ये एक अनुभव है, जो आपको अंदर तक हिला कर रख देगा। "आप देख रहे हैं Author Kedar, जहाँ कहानियाँ सिर्फ नहीं सुनाई जातीं — महसूस कराई जाती हैं।" ✍️ लेखक: केदार नाथ भारतीय | प्रयागराज, उत्तर प्रदेश 🌐 Website: www.kedarka...

कर्म और भाग्य की लड़ाई|Karm aur bhagya ki ladai episode 6

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मोना मैम चितरंजन दास को परेशान करते हुए  मोना मैम और चितरंजन दास का प्रेम–प्रसंग । नमस्कार और स्वागत है! आप देख रहे हैं Author Kedar, जहाँ शब्दों से ज़िंदगी बदलती है और कहानियाँ दिल को छू जाती हैं। आज हम लेकर आए हैं "कर्म और भाग्य की लड़ाई" की अगली कड़ी – एक ऐसी कहानी, जहाँ हर मोड़ पर सवाल उठता है । जहां शब्द मिलते हैं, वहां कहानियां सुनाई देती हैं। कहते हैं, इंसान अपना भाग्य खुद लिखता है... लेकिन क्या वाकई?  या फिर भाग्य ही इंसान की राहें तय करता है? यह कहानी है चितरंजन दास की...एक ऐसा नौजवान, जिसने गरीबी से लड़ने का संकल्प लिया,अपनों के लिए सबकुछ छोड़ दिया... लेकिन क्या वह अपने भाग्य को बदल पाया ? "यह कहानी काल्पनिक है, लेकिन समाज की सच्चाइयों से प्रेरित। लेखक - केदार नाथ भारतीय" कर्म और भाग्य की लड़ाई| चितरंजन दास की संघर्ष गाथा भाग - 6  अगर आपको ऐसी कहानियाँ पसंद हैं तो इस चैनल को सब्सक्राइब करें, वीडियो को लाइक करें और कमेंट में अपनी राय ज़रूर बताएं। पिछले भाग में  , आपने देखा कि शादी के बाद मोना मैडम पूरी तरह बदल चुकी थीं। अब वह रवि सर से बार-बार झगड़तीं औ...

ANM Course | A Golden Opportunity for Women After 12th

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ANM कोर्स, 12वीं के बाद महिलाओं के लिए सुनहरा मौका ANM कोर्स कैसे करें ?  आज के समय में स्वास्थ्य सेवा एक ऐसा क्षेत्र है, जहां काम करने के साथ-साथ समाज की सेवा का भी अवसर मिलता है। खासकर महिलाएं इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में करियर बना रही हैं। अगर आप भी स्वास्थ्य सेवा में कदम रखना चाहते हैं और जल्दी जॉब पाना चाहते हैं तो ANM यानी Auxiliary Nurse Midwifery कोर्स आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। ANM एक ऐसा डिप्लोमा कोर्स है जिसे आप 12वीं के बाद कर सकते हैं। इस कोर्स में नर्सिंग से जुड़ी बुनियादी बातें सिखाई जाती हैं। इसमें आपको महिलाओं और बच्चों की देखभाल, प्रसव संबंधी सेवाएं, टीकाकरण, प्राथमिक उपचार, और स्वास्थ्य जागरूकता से जुड़ी जानकारी दी जाती है। यह कोर्स मुख्यतः महिलाओं के लिए होता है लेकिन कुछ संस्थानों में पुरुषों के लिए भी विकल्प उपलब्ध है। ANM कोर्स करने के लिए सबसे पहले आपको 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करनी होती है। यह जरूरी नहीं कि आप साइंस स्ट्रीम से हों, किसी भी विषय से बारहवीं पास छात्राएं इस कोर्स के लिए आवेदन कर सकती हैं। हालांकि कुछ कॉलेजों में बायोलॉजी विषय रखने...

कर्म और भाग्य की लड़ाई|Karm aur bhagya ki ladai episode 5

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चितरंजन दास, रवि सर के बेटे को लेकर जा रहे थे। मोना मैम की तीखी वाडी  जहां शब्द मिलते हैं, वहां कहानियां सुनाई देती हैं। कहते हैं, इंसान अपना भाग्य खुद लिखता है...  लेकिन क्या वाकई?  या फिर भाग्य ही इंसान की राहें तय करता है?  यह कहानी है चितरंजन दास की...एक ऐसा नौजवान, जिसने गरीबी से लड़ने का संकल्प लिया,अपनों के लिए सबकुछ छोड़ दिया... लेकिन क्या वह अपने भाग्य को बदल पाया ? "यह कहानी काल्पनिक है, लेकिन समाज की सच्चाइयों से प्रेरित।लेखक: केदार नाथ भारतीय "कर्म और भाग्य की लड़ाई| चितरंजन दास की संघर्ष गाथा भाग - 5 पिछले भाग में,  आपने देखा कि वर्षों से अधूरी प्रेम कहानी को पूरा करने में चितरंजन दास सफल हुए। रवि सर की शादी उनकी ही सेक्रेटरी मोना मैम से हुई, और इस सुखद मिलन का श्रेय भी कहीं न कहीं चितरंजन दास को ही जाता है। अब तक सब कुछ सुंदर और संतुलित ढंग से चल रहा है — एक नई शुरुआत, नए विश्वास के साथ। अब आगे........ ऑपरेशन सिन्दूर और कराची बेकरी से हमे सीखने, की जरूरत है  सांसारिक भवसागर के असीमित एवं अकूत जल राशि में गोते लगाते हुए, वह समय रूपी पंछी अपने द...

ऑपरेशन सिन्दूर और कराची बेकरी|Operation Sindoor | Karachi Bakery Controversy.|

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ऑपरेशन सिन्दूर और कराची बेकरी ऑपरेशन सिन्दूर और कराची बेकरी| देश की लहर या अशिष्णुता की लहर? जब देश की सीमाओं पर जवान जवाब देते हैं, तब देश के भीतर जनता भावनाओं से भर जाती है। लेकिन जब वही भावनाएँ अंधभक्ति या असहिष्णुता में बदलने लगें, तो क्या हमें ठहरकर सोचने की ज़रूरत नहीं? 'ऑपरेशन सिंदूर' ने आतंकवादियों को उनके अंजाम तक पहुँचाया। लेकिन इस ऑपरेशन की छाया में एक घटना और घटी – हैदराबाद की कराची बेकरी पर हमला। क्या यह केवल एक नाम पर गुस्सा था, या हमारी सामाजिक चेतना में कोई बड़ी दरार? जानिए EPS 95 पेंशन क्या है  ऑपरेशन सिन्दूर|शौर्य का प्रतीक 7 मई, 2025 - वह दिन जब भारत ने दुनिया को फिर यह जता दिया कि हम अपने नागरिकों की हत्या को कभी नहीं भूलते। 22 अप्रैल को हुए एक आतंकवादी हमले में 26 निर्दोष भारतीयों की जान चली गई। इसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान और पोलैंड में आतंकवादी ठिकानों पर कुल 24 मिसाइलें दागीं। इस सर्जिकल स्ट्राइक में 70 आतंकी मारे गए, और भारतीय नौसेना की पनडुब्बियों ने दुश्मन के समुद्री अड्डों पर हमला करते हुए 600 से अधिक आतंकियों का सफाया किया। भारतीय सेना की इस निर्...

Emotional Shayari with Roadside Image | by Kedarkahani.in

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Emotional Shayari with Roadside Image – by Kedarkahani.in राहों का रुकना भी एक सफर है – एक तस्वीर, एक शायरी सड़कें ख़ामोश हैं, पर मंज़िलों की चाह बाकी है, धूप के साए में थमी ये रफ्तार भी एक गवाही है। छोटा-सा ट्रक, सपनों का बोझ लिए खड़ा है, जैसे ज़िंदगी हर मोड़ पे कुछ पल ठहरा है। नीला आसमां, रूई जैसे बादल लहराते हैं, हर सफ़र के किस्से इन राहों पे मुस्कुराते हैं। ये मोड़, ये संकेत, बस वक्त का इशारा हैं, कि चलना ही ज़िंदगी है, रुकना बस एक किनारा है। इस तस्वीर में छुपे हुए ठहराव और उसकी ख़ामोशी को शायरी के शब्दों में पिरोया गया है। एक छोटा ट्रक, एक लंबा रास्ता और नीला आसमान — इन तीनों के बीच जो भाव है, वही ज़िंदगी का एक अनकहा पहलू है। – नागेन्द्र भारतीय kedarkahani.in | magicalstorybynb.in अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई हो तो कृपया Like, Comment और Share ज़रूर करें। कहानियाँ जो दिल से निकलती हैं, उन्हें सुरक्षित रखना हमारी ज़िम्मेदारी है। Stories that come from the heart, protecting them is our responsibility. Share this post...

खामोश शरीर, चीखता मस्तिष्क|Silent Body, Screaming Brain.| Brain Hemorrhage.

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Silent Body, Screaming Brain. कभी-कभी शरीर बोलता नहीं… पर मस्तिष्क अंदर से चीखता है। ये कहानी है एक ऐसी पुकार की… जो सुनी नहीं गई। एक ऐसी चुप्पी… जो मौत बन गई। एक अधेड़ उम्र का आदमी चुपचाप कुर्सी पर बैठा है, चेहरा थका हुआ, आंखों में खालीपन… और बैकग्राउंड में ब्रेन की आवाज़ सुनाई देती है – “क्या कोई मेरी चीख सुन सकता है? तब जाके ब्रेन ने की विटामिन्स से बात । लेखक: नागेन्द्र भारतीय स्रोत: www.kedarkahani.in | www.magicalstorybynb.in  शरीर के भीतर, मस्तिष्क के अंदरूनी हिस्से में... चारों ओर सन्नाटा था। रक्त का प्रवाह धीमा पड़ रहा था, नसों में तनाव था, और मस्तिष्क के भीतर एक गूंज सी हो रही थी। ब्रेन (मस्तिष्क) थककर बैठा था। वो बेचैन था – दर्द में, कमजोर, और भ्रमित। ब्रेन (धीमे स्वर में): क्या हो रहा है मुझे? सोच नहीं पा रहा… कुछ गड़बड़ है… बहुत गड़बड़। इसी बीच एक चमकदार रोशनी अंदर आई – जैसे कोई शक्ति आ रही हो। यह कोई और नहीं, बल्कि विटामिन्स थे – शरीर के असली रक्षक। प्रवेश – विटामिन्स की टोली विटामिन B12: तुम बहुत परेशान लग रहे हो ब्रेन। क्या अब भी समय है कुछ ठीक करने का? ब्रेन: ...